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राम नाम की गाथा (Ram Naam Ki Gatha)

Ram Naam Ki Gatha

मन के कोरे कागज़ पे लिख दे
कोई मेरे राम नाम की गाथा
सूने मन के आंगन में बस जाएं
मेरे प्रभु राम जी दिन राता
मैं तो मन को ही मंदिर बनाऊंगा
राम इसमें बसाऊंगा

राम अंतर्यामी हैं
हैं सकल जगत के स्वामी
पार ब्रह्म परमेश्वर हैं
सब ने महिमा जानी
उनकी महिमा सब को बताऊंगा
राम को मन में बसाऊंगा
मैं तो मन को ही मंदिर बनाऊंगा
राम इसमें बसाऊंगा….

अमृत सा मेरे कानों में कोई
राम नाम का घोले
वंदन हो सदा उनका
राम ही राम सब बोले
राम सुनूंगा और सबको सुनाऊंगा
राम को मन में बसाऊंगा
मैं तो मन को ही मंदिर बनाऊंगा
राम इसमें बसाऊंगा

कोई दिखा दे राजीव मुझको
छवि मनोरम मेरे राम की
देखे ना पाए जो मेरी आँखें उनको
हैं वो मेरे किस काम जी
करूंगा दर्शन सबको करवाऊंगा
राम को मन में बसाऊंगा
मैं तो मन को ही मंदिर बनाऊंगा
राम इसमें बसाऊंगा

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