Home > Bhajan > ओ मेरे हनुमंता (Oh Mere Hanumanta)

ओ मेरे हनुमंता (Oh Mere Hanumanta)

Oh Mere Hanumanta

ओ मेरे हनुमंता, हनुमंता हनुमंता
संजीवन बूटी ला, भईया के प्राण बचा
पर देख तू जो बूटी नहीं लाएगा
सुबह होते ही लखन का ये तन बिखर जायेगा

भईया की मूर्छा मेरे प्राण ले ली गी
सुन ले गी मैया तो वो जान दे देगी
मैं तो मर जाऊगा वापिस न जाऊगा
लक्ष्मण सा भाई खोकर क्या मुँह दिखलाऊंगा
जाओ जाओ बूटी लाओ
बूटी आने से काम बन जायेगा
सुबह होते ही लखन का ये तन बिखर जायेगा

पूछेगी मैया तो मैं क्या बतलाऊगा
आये थे तीन अकेला कैसे जाउगा
मारेंगे ताने लोग क्या करके आया है
नारी के बदले तूने भाई मरवाया है
जाओ जाओ बूटी लाओ
बूटी आने से काम बन जायेगा
सुबह होते ही लखन का ये तन बिखर जायेगा

बूटी को लेने हनुमान गए है
रस्ते में काल को भी मार गिराए है
सोनागिरी जा के पहुचे बूटी ना पायी है
हनुमत ने ध्यान लगाया युक्ति तब आयी है
ठाओ ठाओ पर्वत उठाओ
पर्वत उठाने से काम बन जायेगा
सुबह होते ही लखन का ये तन बिखर जायेगा

बूटी को लेके हनुमान आये है
लक्ष्मण को छोड़ राघव गले लगाए है
बूटी फिर घोल पिलाई मूर्छा को त्यागा है
राम ने गले लगाया जब लक्ष्मण जागा है
भैया भैया लक्ष्मण भैया
तेरे उठने से रावण मर जायेगा
ये धरती का बोझ उतर जायेगा

Leave a Reply