Ashth Vinayak Hey Vyapak Vishal
अष्ट विनायक हे व्यापक विशाल
आठों पहर तेरे गुण गाए
सुमिरन करते मां गौरी के लाल
आठों पहर तेरे गुण गाए
अष्ट विनायक हे
चांद सूरज आरती करे
शेष नाग धूप करे
ब्रह्मा विष्णु स्तुति करे
सुरनर ध्यान धरे
सुर नर कहते है दीनदयाल
आठों पहर तेरे गुण गाए
अष्ट विनायक हे
नव निधि महिमा गाए
दिशाएं शीश झुकाए
रुद्र ग्यारह प्रीति पाए
चौदह भुवन यश लहराए
चरणों में रहते सदा दीकपाल
आठों पहर तेरे गुण गाए
अष्ट विनायक हे