एक समय की बात है। एक नगर में एक बहुत ही धनवान पुरुष अपनी पत्नी के साथ रहता था। दोनों धार्मिक स्वभाव के थे, परंतु धन के अहंकार के कारण वे किसी को दान-पुण्य या अतिथि-सत्कार नहीं करते थे। उनके घर में अपार धन-संपत्ति होते हुए भी लक्ष्मी का ठहराव नहीं था। कथा का आरंभ…
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चैतन्य महाप्रभु भारत के महान संतों और धार्मिक सुधारकों में गिने जाते हैं। 1486 ईस्वी में बंगाल के नवद्वीप में जन्मे महाप्रभु को उनके अनुयायी भगवान श्रीकृष्ण का अवतार मानते हैं। उनका जीवन और उपदेश भक्ति आंदोलन के महत्वपूर्ण स्तंभ बने, जिनमें ईश्वर तक पहुँचने का मार्ग प्रेम, नम्रता और निरंतर नाम-संकीर्तन बताया गया। प्रारंभिक…